25 करोड़ की चोरी का मास्टर माइंड हत्थे चढा
ज्वैलरी के शोरूम में लगाई थी सेंध, पहले भी कर चुका है बड़ी वारदात
नई दिल्ली। दिल्ली की सबसे बड़ी चोरी का मास्टर माइंड छत्तीसगढ में पकड़ा गया है। 25 करोड़ की चोरी को छत्तीस गढ़ में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने का दावा किया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस का दावा है कि यह खुलासा उन्होंने किया है। चोरी के मास्टर माइंड से चोरी का माल भी बरामद किया गया है।
बता दें 24 सितंबर को दिल्ली में ‘ज्वेलरी हाइस्ट’ में चोरों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया, जितनी इससे पहले कभी नहीं हुई। शोरूम से 25 करोड़ का माल चोरी हुआ था। शोरूम के मालिक ने मंगलवार की सुबह जब दुकान की बुरी हालत देखी, तो उनका तो दिमाग ही घूम गया। इस चोरी के मास्टर माइंड लोकेश श्रीवास को छत्तीस गढ़ में पुलिस ने गिर.तार कर लिया है। छत्तीसगढ़ पुलिस का दावा है कि बिलासपुर पुलिस की एसीसीयू और सिविल लाइन थाने के टीम ने सात चोरियों की वारदात को अंजाम देने वाले लोकेश को स्मृतिनगर थाना क्षेत्र के एक घर से लोकल दुर्ग और रायपुर पुलिस के सहयोग से पकड़ा है। पुलिस का कहना है कि बिलासपुर में चोरी के मामले में जब उसे गिरफ्तार किया गया तो उसके पास से साढ़े 12 लाख रुपये के अलावा कुछ दिन पहले दिल्ली जंगपुरा के सनसनीखेज करोड़ों की चोरी के मामले में लगभग साढ़े अठारह किलो सोना और हीरे आदि ज्वेलरी भी बरामद हुई।पूछताछ में आरोपी ने दिल्ली की वारदात में शामिल होने की बात कबूली है। जब इस मामले की सूचना दिल्ली पुलिस को मिली तो गुरुवार देर रात वहां पहुंच गई।
छत्तीसगढ़ पुलिस का कहना है कि बिलासपुर पुलिस ने लोकेश के दूसरे साथी शिवा चंद्रवंशी को कवर्धा से ज्वैलरी सहित कुल 23 लाख माल के साथ पकड़ा है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि लोकेश ने अकेले ही ज्वैलरी शोरूम में घुसकर 25 करोड़ की चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। सूत्रों का कहना है कि लोकेश नाम का चोर वारदात के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचा था, जिसके बाद भिलाई पुलिस ने 2 और बदमाश भी पकड़े हैं। अजय और शिवा, लेकिन वो दोनों भिलाई पुलिस की ही कस्टडी में हैं क्योंकि इस चोरी में उन दोनों का कोई हाथ नहीं है। इस वारदात को सिर्फ लोकेश ने अकेले अंजाम दिया था।
दिल्ली पुलिस के अनुसार जिस शोरूम में वारदात हुयी है वह रविवार रात करीब आठ बजे बंद हुई और मंगलवार सुबह करीब 10.30 बजे दुकान खोली, तो चोरी घटना की जानकारी हुई। दुकान में बेसमेंट में एक तिजोरी है, जिसमें एक भारी धातु का गेट और तीन तरफ दीवारें हैं। ग्राहकों के साथ लेन-देन शोरूम के भूतल पर होता है, जबकि इसकी ऊपरी तीन मंजिलों का उपयोग भंडारण और आभूषणों से संबंधित अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। दुकान से करीब 30 किलोग्राम सोने के आभूषण और पांच लाख रुपये नकद चोरी हुए थे।
मास्टरमाइंड लोकेश श्रीवास कोई साधारण चोर नहीं वह पहले भी चोरी की बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है. उसका आपराधिक इतिहास बड़ा पुराना है। उसके खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में पिछली चोरियों की कई एफआईआर दर्ज हैं। छानबीन के दौरान पता चला कि 10 दिन पहले उसने छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले की स्मृति नगर पुलिस चौकी से कुछ मीटर की दूरी पर ही एक कमरा किराए पर लिया था। वर्ष 2019 में पारख ज्वैलर्स के यहां 5 करोड़ की बड़ी चोरी के मामले में भी लोकेश का नाम आया था। चोरी की उस वारदात को भी लोकेश श्रीवास ने ही अंजाम दिया था। उसने वहां भी चोरी की वही तकनीक अपनाई थी जो उसने दिल्ली में आजमाई।