दिवाली पर पहली पसंद बनी ‘बिकानेर स्वीट्स’ की मिठाईयां
लोगों को भा रहा राजस्थानी टेस्ट, बिकानेर स्वीट्स के प्रतिष्ठानों पर उमड़ रही भारी भीड़
रूद्रपुर। दीपावली पर बिकानेर स्वीट्स की मिठाईयां लोगों को खूब पसंद आ रही है। राजस्थानी कारीगरों द्वारा शुद्ध देशी घी से बनाई जा रही मिठाईयों की लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। मिठाईयों के साथ ही विभिन्न प्रकार के गिफ्ट आईटम खरीदने के लिए भी बिकानेर स्वीट्स के प्रतिष्ठानों पर भारी भीड़ उमड़ रही है।
दो दशक पूर्व शहर में स्थापित हुआ श्री बिकानेर स्वीट्स प्रतिष्ठान आज जाना पहचाना नाम बन चुका है। श्री बिकानेर स्वीट्स की शुरूआत रूद्रपुर में एक प्रतिष्ठान से हुई थी आज रूद्रपुर में ही इसके चार प्रतिष्ठान खुल चुके हैं, इसके अलावा किच्छा और बिलासपुर में भी श्री बिकानेर स्वीट्स अपनी अलग पहचान बना रहा है। शहर में श्री बिकानेर स्वीट्स की स्थापना राजस्थान के ग्राम चावंडा निवासी मोहन सिंह और उनके भतीजे राधेश्याम ने साल 2000 में की थी। मोहन सिंह नैनीताल घूमने आये थे, जब वह रूद्रपुर से होकर निकले तो उन्होंने यहां अपना पुश्तैनी व्यवसाय शुरू करने का मन बना लिया। उस दौर में राजस्थान से यहां आकर कारोबार जमाना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने अपने भतीजे राधेश्याम के साथ मिलकर यहां मिड टाउन होटल के नीचे श्री बिकानेर स्वीट्स प्रतिष्ठान शुरू किया। उस समय रूद्रपुर की आबादी आज के बराबर नहीं थी, जिसके चलते शुरूआत में उन्हें यहां व्यवसाय को जमाने में कुछ दिक्कतें आई लेकिन चाचा भतीजे की इस जोड़ी ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत व सरल स्वभाव से श्री बिकानेर स्वीट्स को इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि आज लोग राजस्थानी व्यंजनों के दिवाने हो गये हैं।
शुद्धता और गुणवत्ता से मिली प्रसिद्धि
शुद्धता और गुणवत्ता के दम पर आज बिकानेर स्वीट्स का लगातार विस्तार हो रहा है। इसी दिवाली पर रूद्रपुर में बिकानेर स्वीट्स का चौथा प्रतिष्ठान खुल गया है। जबकि किच्छा और बिलासपुर को मिलाकर चाचा भतीजे ने छह प्रतिष्ठान प्राईम लोकेशन पर खड़े कर दिये हैं। वर्ष 2001 के बाद 2010 में मोहन सिंह और राधेश्याम ने अपना दूसरा प्रतिष्ठान बिकानेर रेस्टोरेंट थाली हाउस आवास विकास में खोला था उसके बाद 2016 में किच्छा में बिकानेर स्वीट्स एण्ड रेस्टोरेंट का शुभारम्भ किया गया, 2022 में काशीपुर रोड ग्रीन पार्क के पास बिकानेर ठाठ बाठ के नाम से प्रतिष्ठान खोला और इसके बाद दिवाली से ठीक पहले गंगापुर रोड रूद्रपुर और बिलासपुर में केमरी चौराहे पर दो नये प्रतिष्ठान खोले गये हैं। इन सभी प्रतिष्ठानों पर दीपावली से पहले मिठाईयों और गिरफ्ट आईटम की खरीददारी के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। राजस्थानी स्वाद को ग्राहकों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। इसका कारण यह भी है कि बिकानेर स्वीट्स में सभी मिठाईयां देशी घी से बनाई जाती है, इसमें रिफाईण्ड, डालडा या अन्य तेलों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। मोहन सिंह बताते हैं कि उनके यहां बनी मिटाईयों में शुद्धता की पूरी गारंटी है। उनका पूरा परिवार शुद्ध शाकाहारी है, इसीलिए उनके किसी भी रेस्टोरेंट में नॉनवेज खाना नहीं बनाया जाता।
राजस्थान में भी चल रहे कई प्रतिष्ठान
श्री बिकानेर स्वीट्स के स्वामी मोहन सिंह रूद्रपुर पहले जोधपुर और जैसलमेर में पांच प्रतिष्ठानों का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं। मोहन सिंह और राधेश्याम राजपुरोहित परिवार से ताल्लुक रखाते हैं। उनका कहना है यह उनका पुश्तैनी काम है। आज देश भर में उनकी बिरादरी के लोग सैकड़ों प्रतिष्ठान बिकानेर के नाम से चला रहे हैं। जम्मू से लेकर कन्या कुमारी, पंजाब, हरियाणा महाराष्ट्र सभी जगह राजस्थानी स्वाद के लोग दिवाने हैं। मोहन सिंह ने बताया कि उन्होंने क्वालिटी से कोई समझौता नहीं किया और क्वालिटी के साथ साथ अपने व्यवहार से भी ग्राहकों का दिल जीता। रूद्रपुर में जब उन्होंने शुरूआत की थी तब उनके प्रतिष्ठान कई व्यंजन पहली बार ग्राहकों को उपलब्ध कराये। गौंदगिरी के लड्डू, पनीर की जलेबी, बिकानेरी बर्फी प्याज की कचौड़ी, राजस्थानी थाली, दाल भाटी चूरमा जैसे कई व्यंजन आज लोगों की पहली पसंद बन चुके हैं। इन सभी व्यंजनों को राजस्थानी पेशेवर कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है। मिठाईयों से लेकर अन्य सभी प्रकार के व्यंजनों में शुद्ध देशी घी का इस्तेमाल किया जाता है।
बिजनेस में खूब जमी चाचा भतीजे की जोड़ी
रूद्रपुर। एक तरफ जहां भाई-भाई संपत्ति के लिए लड़ते नजर आते हैं तो दूसरी तरफ ऐसे लोग भी हैं जो संयुक्त परिवार की परंपरा को न सिर्फ आगे बढ़ा रहे हैं, बल्कि समाज में इसकी मिसाल भी पेश कर रहे हैं। बिकानेर स्वीट्स के स्वामी मोहन सिंह आर राधेश्याम का परिवार इसका सशक्त उदाहरण है। मोहन सिंह का परिवार जहां संयुक्त परिवार की परंपरा को बखूबी निभा रहा है वहीं व्यवसाय में भी चाचा-भतीजे की जोड़ी खूब जम रही है।
मोहन सिंह राजस्थान में जोधपुर और जैसलमेर में कई प्रतिष्ठानों की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं तो दूसरी तरफ उनके भतीजे राधेश्याम रूद्रपुर में श्री बिकानेर स्वीट्स के प्रतिष्ठानों की जिम्मेवारी को पिछले कई वर्षों से बखूबी निभा रहे हैं। वर्तमान में किच्छा रूद्रपुर और बिलासपुर में इस परिवार के छह प्रतिष्ठान हैं और इनमें अधिकांश परिवार के लोग ही काम कर रहे हैं। राधेश्याम के पिताजी, भंवर सिंह के अलावा मोहन सिंह का पुत्र भरत समेत परिवार के कई सदस्य पूरे तालमेल और सौहार्द्र के साथ बिजनेस में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। परिवार के साथ कई रिश्तेदारों को भी मोहन सिंह और राधेश्याम ने अपने बिजनेस में शामिल करके उन्हें रोजगार दिया है। मोहन सिंह और राधेश्याम का कहना है कि यह उनका पुश्तैनी काम है। यह सिर्फ उनके लिए पैसा कमाने का जरिया नहीं बल्कि उनकी परंपरा का भी सवाल है।
व्यापार के साथ समाजसेवा भी
बिकानेर स्वीट्स के स्वामी मोहन सिंह व्यापार के साथ समाजसेवा में भी अगण््राी रहते हैं। वह वर्तमान में राजस्थान की चांवडा ग्राम पंचायत के प्रधान भी हैं और ग्राम प्रधान के रूप में समाज की सेवा भी कर रहे हैं। रूद्रपुर में पूरा व्यवसाय उनके भतीजे राधेश्याम के अलावा भंवर सिंह, बेटा भरत सिंह, अजय पाल के अलावा परिवार के ही दशरथ सिंह, चंदन, रघुवीर, अमित, किशन सहित अन्य लोग संभाल रहे हैं। जबकि खुद मोहन सिंह गांव में रहकर ग्राम प्रधानी और व्यवसाय को संचालित करते हैं।