सांप के काटने पर झाड़ फूंक में ना करें समय बर्बाद
‘एंटी वेनम वैक्सीन’ समय पर लगने से बच सकती है जान
रूद्रपुर। इन दिनों सांप के काटने से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। मानूसन के दिनों में आम तौर पर जहरीले कीट इधर उधर विचरण करने लगते हैं, भोजन की तलाश में सांप भी बिलों से बाहर निकल आते हैं। जिसके चलते रिहायशी इलाकों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में सांप के काटने की घटनायें सामने आती है, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है। सांप के काटने पर अकसर जानकारी के अभाव में मरीज की जान चली जाती है। अगर सांप के काटने के बाद समय पर मरीज को उपचार के लिए अस्पताल ले जायें तो उसकी जान बचायी जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग सांप के काटने के बाद झाड़ फूंक का सहारा लेते हैं जो मरीज के लिए घातक साबित हो जाता है।
भारत में सांप की करीब चार सौ से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। जिसमें से करीब 60 प्रजातियां ही बहुत विषैली होती है। इसमें से भी रसेल वाइपर, इंडियन कोबरा, इंडियन कॉमन करैत और सॉ स्केल्ड वाइपर सबसे खतरनाक माने जाते हैं। विषैला सांप काट ले तो एंटी वेनम इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। दरअसल सांप के काटने के मामलों में शुरूआत का एक घंटा बेहद अहम माना जाता है। खतरनाक माने जाने वाले सांप के काटने के बाद भी यदि एक घंटे से पहले मरीज को सही ईलाज मिल जाये तो उसकी जान बचायी जा सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो लगभग सभी प्रकार के सांपों के जहर का इलाज आजकल मौजूद है। इसके बावजूद सांप के काटने के बाद मरीजों की मौत इसलिए भी होती है क्योंकि लोग पहले से सांपों को लेकर बनी मान्यताओं और धारणाओं के चलते कई गलतियां करते हैं। आज भी तमाम लोग सांपों के काटने को पूर्वज, अनहोनी, पुराने जन्मों की फल आदि से जोड़कर देखते हैं। इसी लिए कई बार सांप के काटने पर तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के तरीके अपनाए जाते हैं। जबकि डब्ल्यूएचओ सांप के काटने पर एंटी वेनम वैक्सीन की सलाह देता है।
कैसे होती है सांप के काटने की पहचान
सांप के काटने की पहचान करने के तीन तरीके हैं। पहला जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसने सांप काटते या आते-जाते देखा हो। दूसरा तरीका है जिस जगह पर सांप ने काटा है उस जगह दो बूंद जैसे गोल निशान ऊपर-नीचे या आसपास उभरे हों। तीसरा है सांप के काटने के लक्षण। अगर किसी को बेहोशी, सुस्ती या नींद आए, पलक भारी होने लगें, पेट में दर्द हो सकता है, उल्टी आए, सांस लेने में तकलीफ होने लगे, पेशाब का रंग लाल या ब्राउन हो, सांप के काटे वाली जगह सूज जाए, लाल हो जाए या शरीर पर चकत्ते हो जाएं तो समझें कि सांप ने काटा है।
हर सांप नहीं होता जहरीला
विशेषज्ञों के अनुसार काटने वाले सभी सांप जहरीले नहीं होते। देश में मौजूद 250 प्रजातियों में से करीब 60 प्रजातियां ही विषैली मानी जाती है। इनमें से भी कुछ बहुत खतरनाक प्रजातियां मानी जाती है। जिनके काटने के बाद समय पर सही इलाज न मिलने पर जान जा सकती है। भारत में जो चार सांप सबसे जहरीले होते हैं वे हैं कॉमन कोबरा यानि काला नाग, सॉ-स्केल्ड वाइपर, कॉमन क्रेट और रसेल वाइपर। इन्हें ऐसे भी पहचान सकते हैं कि इन सांपों का फन नुकीला और त्रिकोण वाला होता है। इसलिए सांप काट ले तो घबराएं नहीं, बल्कि सभी चीजों का ध्यान रखकर मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचें।
अधिकांश लोगों को नहीं होती सही जानकारी
करीब 95 फीसदी लोगों को ये ही बात पता होगी कि अगर सांप काटे तो फौरन सांप के जहर को शरीर के अन्य अंगों में फैलने से रोकने के लिए उस जगह को कसकर बांध दो ताकि खून का सर्कुलेशन न हो। कई बार लोग एक जगह नहीं बल्कि दो-तीन जगहों पर भी रस्सी से कसकर बंध लगा देते हैं, यही सबसे बड़ी गलती है। ऐसा करने से सांप के काटने वाली जगह पर खून की आपूर्ति रुक जाती है और उस जगह के टिश्यू डैमेज होने लगते हैं जिसके चलते गैंगरीन और पैरालिसिस जैसी बीमारियां होने का खतरा होता है। इतना ही नहीं मरीज की मौत भी हो सकती है। इसके अलावा लोग उस जगह को धारदार चीज से काट भी देते हैं और सोचते हैं कि जहर निकल रहा है। कई बार लोग मुंह से भी उस जगह के खून को खींचकर थूक देते हैं लेकिन ये सभी तरीके गलत और जानलेवा हैं। अगर सांप काट भी जाए तो उसको पकड़ने की कोशिश भी न करें, सांप दूसरी बार भी हमला कर सकता है। सांप के काटने के बाद मरीज को जितना जल्दी हो सकते उतनी जल्दी अस्पताल ले जाना चाहिए। लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में सांप के काटने पर लगाई जाने वाली एंटी स्नेक वेनम वैक्सीन उपलब्घ्ध रहती है। अस्पताल में ब्लड की एक जांच के द्वारा यह भी पता लगा लिया जाता है कि जहरीले सांप ने काटा है या सामान्य सांप ने।
सांप के काटने पर सबसे पहले करें ये काम
- अगर किसी को सांप ने काटा है तो उस मरीज को ऊपर सिर करके लिटा दें। जिस अंग में सांप ने काटा है उसे हिलने-डुलने या चलने-फिरने न दें क्योंकि वह अंग जितना मूवमेंट करेगा, जहर उतना ही फैलेगा।
- सांप के काटे वाली जगह को साबुन और साफ पानी से धो दें। बीटाडिन का प्रयोग भी कर सकते हैं।
- जहर फैलने से रोकने के लिए मरीज को शांत रखें।
- सांप काटने वाली जगह को ढीली और साफ पट्टी से ढंक दें।
- सांप ने पैर में काटा है तो तुरंत जूता उतरवा दें।
- मरीज को तत्काल नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल लेकर जाएं, कोशिश करें कि सांप काटने के घंटे भर के अंदर मरीज को मेडिकल ट्रीटमेंट मिलना शुरू हो जाए। ऐसा करने से वह पूरी तरह खतरे से बाहर होगा और ठीक हो जाएगा।
सांप काटने पर क्या ना करें
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न दें।
- झाड़ फूक या ओझा के चक्कर में पड़कर समय बर्बाद न करें।
- जहर बाहर निकालने के लिए चूसने की कोशिश न करें।
- जिस स्थान पर सांप ने काटा है वहां पर चीरा ना लगायें।
- घाव पर बर्फ या कुछ और न रखें।
- कैफीनयुक्त या अल्कोहल पीने या खाने को न दें।
- जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है, उसे चलने न दें और तुरंत अस्पताल ले जाएं।
- सांप के काटने पर तनाव नहीं लेना चाहिए क्यों कि घबराहट में अक्सर लोगों की जान चली जाती है।