भीषण गर्मी हार्ट के रोगियों के लिए खतरनाक !
गर्मी में बढ़ जाता हार्ट अटैक का खतरा
रूद्रपुर। भीषण गर्मी में डेंगू, मलेरिया और डायरिया के साथ ही हार्ट अटैक के मामले भी तेजी से बढ़ने लगते हैं। भीषण गर्मी में खान पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पेट के साथ-साथ दिल का भी विशेष खयाल रखने की आवश्यकता होती है।
पिछले कुछ दिनों में गर्मी का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। चढ़ता पारा लोगों को परेशान कर रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तापमान और अधिक बढ़ने की संभावना व्यक्त की है। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
नारायण अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह का कहना है कि गर्मियों का मौसम कई बिमारियां साथ लेकर आता है, जिस तरह पारा लगातार बढ़ रहा है हृदय के रोगियों के लिए मुसीबत बन सकता है। जिन लोगों को हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा है उन्हें विशेष रूप से सावधानी बरतने की जरूरत है। आम तौर पर सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते हैं। लेकिन हार्ट के लिए अधिक गर्मी भी खतरे का कारण बन सकती है। गर्मी के दिनों में शरीर में जो लक्षण नजर आते हैं कई बार लोग उन्हें लू या गर्मी का असर समझ कर नज़रअंदाज कर बैठते हैं। जबकि कई बार ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं। तपती गर्मी हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देती हैं।
वैसे किसी भी मौसम में हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी दूसरी बीमारियां हो सकती हैं लेकिन अधिक गर्मी में दिल का दौरा पड़ने और हार्ट फेल के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं। इसके पीछे मुख्य कारण हीट स्ट्रेस, डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, बहुत अधिक और हाई इंटेंसिटी की फिजिकल एक्टिविटी, ज्यादा शारीरिक श्रम और ब्लड प्रेशर में बदलाव हैं।
जब शरीर इंटरनल टेंपरेचर को कंट्रोल करने में फेल होने लगता है तो तनाव बढ़ने लगता है। हवा के तापमान के साथ-साथ, आपका काम, कम कपड़े और तेज गर्मी इसकी वजह बनती हैं। इसके अलावा जब आप फिजिकल एक्टिविटी करते हैं या फिर शरीर तापमान को बैलेंस करने के लिए ज्यादा पसीना निकालता है तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है। डिहाइड्रेशन के कारण हार्ट बीट भी बढ़ जाती है, जिससे शरीर और हार्ट पर अधिक दबाव पड़ता है। गर्मियों में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी के कारण भी परेशानी हो सकती है। गर्मियों में वर्कआउट के लिए ठंडे मौसम को चुनना चाहिए यानि आपको सुबह जल्दी या फिर देर शाम फिजिकल वर्कआउट करना चाहिए। खुले वातावरण की जगह एसी वाली या ठंडी हवादार जगह पर वर्कआउट करना चाहिए। बीच-बीच में पानी पीते रहें और हाई इंटेंसिटी का व्यायाम करने से बचना चाहिए।
गर्मी के कारण ब्लड प्रेशर में भी बदलाव आते हैं। गर्मियों में खासतौर से बीपी की जांच करते रहें। बीपी जरा भी अप-डाउन फील हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। शरीर के टेंपरेचर को कंट्रोल करने की कोशिश करें और भरपूर पानी पीते रहें। शरीर ठंडा रहेगा तो बीपी कंट्रोल रहेगा। जिन लोगों को भी हार्ट से जुड़ी समस्या हो उन्हें अपना रूटीन चैकअप अवश्य कराना चाहिए।
नारायण अस्पताल हृदय रोगियों के लिए वरदान
बिलासपुर रोड पर स्थित नारायण अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल है। यह बीते कई वर्षों से हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यह अस्पतला यूपी, उत्तराखण्ड में रोगियों के लिए भरोसेमंद अग्रणी, प्रतिष्ठित और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक है। यहाँ कार्डियोलॉजी, आर्थाेपेडिक्स, घुटना एवं कूल्हा प्रत्यारोपण, जनरल मेडिसिन, गायनोकोलॉजी, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक, फिजियोथेरैपी, रेडियोलॉजी सहित सभी प्रमुख विभाग हैं। अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से सुसज्जित है। यहाँ अत्यधिक योग्य और अनुभवी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम है जो रोगियों को चौबीसों घंटे देखभाल प्रदान करते हैं। इमरजेंसी में आधी रात को भी अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।