नारायण अस्पताल में कटने से बचाया बालक का पैर
- डा. प्रदीप अदलखा ने जटिल सर्जरी करके बालक को दिया नया जीवन
- रूद्रपुर में दूसरे अस्पताल ने दी थी पैर काटने की सलाह
रूद्रपुर। बिलासपुर रोड स्थित नारायण अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर में नेपाल के एक मासूम बालक को नया जीवन मिला है। सड़क दुर्घटना में घायल हुए इस बालक को नारायण अस्पताल में भर्ती कराये जाने से पहले रूद्रपुर के ही एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया तो वहां पर बालक का पैर काटने की सलाह दी गयी। लेकिन नारायण अस्पताल में अस्पताल के एमडी एवं वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप अदलखा ने जटिल सर्जरी करके बालक को विकलांग होने से बचा लिया। बालक की सफल सर्जरी के बाद परिवार में खुशी का माहौल है। परिवाजनों ने डा. प्रदीप अदलखा सहित अस्पताल की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया।
नेपाल के महेन्द्र नगर निवासी हरीश जोशी का पुत्र स्कूल जाने के दौरान एक वाहन की चपेट में आ गया था जिससे उसका पैर बुरी तरह कुचल गया। इस बालक को नेपाल के ही बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सकों ने पैर की हालत देखते हुए काठमांडू, दिल्ली या फिर रूद्रपुर ले जाने की सलाह दी। परिवार के लोग बिना देर किये बालक को रूद्रपुर लेकर आये और यहां एक नामी गिरामी अस्पताल में ले गये। यहां चिकित्सकों ने बालक के पैर की जांच की तो उन्होंने हालत सीरियर बताते हुए बालक का पैर काटे जाने की सलाह दी। दरअसल दुर्घटना में पैर बुरी तरह फैक्चर हो गया था और नसें कटने की वजह से पैर की नसें ब्लॉक हो चुकी थी। चिकित्सकों की पैर काटने की सलाह से परिजन घबरा गये, उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा था, इसी बीच उन्हें किसी ने बाल को नारायण अस्पताल ले जाने की सलाह दी। परिजन मरीज को लेकर नारायण अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल के एमडी एवं वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप अदलखा की देखरेख में बालक का उपचार शुरू हुआ। पैर की हालत काफी नाजुक थी, ब्लॉक हो चुकी नसों को फिर से जोड़ना बेहद जटिल था। इसके बावजूद डा. प्रदीप अदलखा इस जटिल सर्जरी के लिए तैयार हो गये। उन्हें न सिर्फ पैर की सफल सर्जरी की बल्कि बालक का पैर भी कटने से बचा लिया।
बालक अब स्वस्थ है। उसके पैर की सर्जरी सफल होने से परिजनों में खुशी का माहौल है। मरीज के साथ आये परिवारजनों का कहना था कि नेपाल के बड़े अस्पताल और रूद्रपुर के नामी गिरामी अस्पताल में जाने के बाद वह बुरी तरह टूट चुके थे, लेकिन नारायण अस्पताल में डा. प्रदीप अदलखा और उनकी टीम ने उन्हें हौंसला देकर उम्मीद की किरण जगा दी। बहुत कम खर्च में बालक की सर्जरी की गयी, जिसके लिए वह नारायण अस्पताल के हमेशा आभारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली और काठमांडू जाकर उपचार कराना उनके लिए संभव नहीं था, वह जमीन बेचकर भी बालक का उपचार नहीं करा पाते। उन्होंने कहा कि नारायण अस्पताल वास्तव में गरीबों के लिए वरदान है।