बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी
नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरू बाबा रामदेव और बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुनवाई शुरू हुई तो बाबा रामदेव के वकील ने कहा कि हम ऐसे विज्ञापन के लिए माफी मांगते हैं। आपके आदेश पर खुद योग गुरु रामदेव अदालत आए हैं। वह माफी मांग रहे हैं और आप उनकी माफी को रिकॉर्ड में दर्ज कर सकते हैं।
बाबा रामदेव के वकील ने कहा, हम इस अदालत से भाग नहीं रहे हैं। क्या मैं यह कुछ पैराग्राफ पढ़ सकता हूं? क्या मैं हाथ जोड़कर यह कह सकता हूं कि जेंटलमेन खुद अदालत में मौजूद हैं और अदालत उनकी माफी को दर्ज कर सकती है। सुनवाई के दौरान पतंजलि के वकील ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर कहा कि हमारे मीडिया विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी। इसलिए ऐसा विज्ञापन चला गया। इस पर बेंच में शामिल जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि यह मानना मुश्किल है कि आपको इसकी जानकारी नहीं थी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में ही पतंजलि को आदेश दिया था कि वह भ्रामक दावे करने वाले विज्ञापनों को वापस ले। यदि ऐसा नहीं किया गया तो फिर हम ऐक्शन लेंगे। ऐसी स्थिति में पतंजलि के हर गलत विज्ञापन पर 1 करोड़ रुपये का फाइन लगाया जाएगा।
इस दौरान जस्टिस अमानुल्ला ने यह भी कहा कि बाबा रामदेव ने योग के मामले में बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन एलोपैथी दवाओं को लेकर ऐसे दावे करना ठीक नहीं है। वहीं आईएमए के वकील ने कहा कि वह अपना विज्ञापन करें, लेकिन उसमें एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की बेवजह आलोचना नहीं होनी चाहिए। केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने केंद्र सरकार की भी खिंचाई की। उन्होंने कहा कि हमें हैरानी है कि आखिर इस मामले में केंद्र सरकार ने अपनी आंखें क्यों बंद रखीं।New