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हर कोई हैरान आखिर क्यों की गई दो मासूमों की निर्मम हत्या!

बंदायू काण्ड का एक आरोपी एनकाउंटर में ढेर, दूसरे की तलाश में जुटी पुलिस टीमें

बदायूं। उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले में दो मासूम भाईयों की निर्मम हत्या पहेली बन गयी है। हर किसी के जेहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर दो भाईयों ने दो मासूम बच्चों का बेरहमी से कत्ल क्यों किया ? एक हत्यारोपी को पुलिस ने घटना के कुछ घंटे बाद ही एनकाउंटर में ढेर कर दिया है जबकि दूसरे की तलाश में पुलिस की कई टीमों को लगाया गया है। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण तनाव की स्थिति बनी हुयी है जिसके चलते क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

जानकारी के अनुसार बंदायू के सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाले ठेकेदार विनोद के घर के सामने ही जावेद और साजिद नाम के दो भाई लम्बे समय से सैलून चलाते थे। विनोद के घर में जावेद और साजिद का आना जाना था और परिवार के साथ अच्छे सम्बंध थे। विनोद के तीन बच्चे भी जावेद और साजिद के साथ घुले मिले हुए थे। अकसर उनका घर पर आना जाना रहता था। ठेकेदार विनोद ने ही साजिद और जावेद को घर के सामने सेलून का काम शुरू करवाया था। मंगलवार की शाम अचानक जो हुआ उसने सबको हैरान कर दिया है। पूरे परिवार का भरोसा जीतने के बाद साजिद और जावेद ने न सिर्फ विनोद के दो मासूम बच्चों का बेरहमी से कत्ल किया बल्कि भरोसे का भी खून कर दिया। मंगलवार शाम को साजिद और जावेद विनोद के घर आये, उस समय विनोद की पत्नी संगीता, मां मुन्नी देवी और तीन बच्चे आयुष, अहान और पीयूष घर पर थे। साजिद ने संगीता से कहा कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है उसे पांच हजार रूपये उधार चाहिए। संगीता ने पति को फोन किया और पैसे मांगने की बात बताई। जिस पति ने पैसे देने के लिए हामी भर दी। संगीता ने पैसे देने से पहले चाय पीने को कहा और चाय बनाने के लिए अंदर चली गयी। साजिद बच्चों को लेकर तीसरी मंजिल पर चला गया और उसने सबसे छोटे बच्चे पियूष को पानी लेने भेज दिया। साजिद ने तीसरी मंजिल पर जाकर आयुष और अहान पर छूरे से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इसी बीच छोटा बेटा पीयूष जब पानी लेकर ऊपर पहुंचा वहां का नजारा देखकर उसकी चीख पुकार मच गयी। साजिद ने उस पर भी हमला किया लेकिन पियूष किसी तरह साजिद को धक्का देकर नीचे आ गया। इस बीच संगीता भी रुपए लेकर आ गई तो देखा कि साजिद हाथ में खून से सना हुआ एक बड़ा छुरा लेकर उपर से नीचे उतर रहा था। जावेद बाहर खड़ा था। शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए और साजिद को पकड़ लिया जबकि उसका भाई जावेद मौके से फरार हो गया ।

घटना के एक घंटे बाद ही पुलिस ने थाना सिविल लाइन क्षेत्र के शेखूपुर के जंगलों में आरोपी साजिद को भागते समय ललकारा तो उसने पुलिस पर फायर किया जिस पर जवाबी फायरिंग में साजिद की मौत हो गई। आरोपी साजिद द्वारा की गई फायरिंग में सिविल लाइंस थाने के थाना अध्यक्ष गौरव बिश्नोई के पैर में गोली लगी है जिससे वह घायल हो गए और अस्पताल में भर्ती हैं। घटना के विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने शहर में भारी विरोध प्रदर्शन किया और बाजार बंद करने का प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक समेत तमाम अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है तथा कछला स्थित गंगा घाट पर दोनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है उन्होंने बताया कि दूसरे आरोपी जावेद की गिरफ्तारी के लिए एसओजी और पांच टीम में लगाई गयी हैं। जल्द ही जावेद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। घटना का कारण पूछने पर एसपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है फिलहाल परिजनों ने जो मुकदमा दर्ज कराया है उसी के आधार पर जांच की जा रही है ।घटना के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं जो जांच के बाद अथवा जावेद की गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट हो सकेंगे। पुलिस ने साजिद और जावेद के पिता बाबू और चाचा कयामुद्दीन को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। हिरासत में लिए जाने से पहले साजिद के पिता बाबू ने दोनों बच्चों की हत्या पर अफसोस जताते हुए कहा कि दोनों बच्चों की हत्या बहुत ही दुखद है और उसके बेटे ने जो भी किया उसकी सजा उसे मिल गई और इसका कोई अफसोस नहीं है। फिलहाल घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है लोगों में घटना को लेकर आक्रोश है और घटना का क्या कारण रहा इसको लेकर भी सभी को उत्सुकता है।

तीसरे भाई को भी मारने की थी प्लानिंग
दोनों बच्चों की हत्या के बाद साजिद तीसरे बच्चे को भी मार देना चाहता था, लेकिन वो भाग गया और उसने दरवाजा बंद कर लिया। साजिद के हाथों से जिंदा बचे बच्चे ने बताया कि साजिद ने बड़े भाई से चाय मंगवाई और उसे पानी लाने को कहा था। जब बड़ा भाई चाय लाया तो उसने उसे मार दिया और छोटे भाई को भी मार दिया। बच्चे ने कहा कि जब वो पानी लेकर ऊपर गया तो साजिद ने उस पर भी हमला किया लेकिन वो उसे धक्का देकर वहां से भाग गया और उसने मां को बताया कि साजिद ने दोनों भाइयों को मार दिया है। इसके बाद बच्चे ने दरवाजा बंद कर दिया। पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

मां ने कहा एनकाउंटर में बेटे के मरने का अफसोस नहीं
दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या करने वाले साजिद को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया और दूसरे आरोपी जावेद की तलाश में पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है। इस बीच हत्यारे साजिद की मां नाजनीन ने कहा कि साजिद के साथ जो हुआ वो एकदम ठीक हुआ.. ना वो कोई गलत काम करते और न ही उनके साथ ऐसा होता। उसने जो किया उसका अंजाम भी सही हुआ। मां ने कहा कि वो घर से ठीकठाक निकले थे फिर पता नहीं उन्होंने ऐसा क्यों किया? हमें नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था..घर में कोई टेंशन भी नहीं थी। खाना खाकर सुबह ही दोनों अपने काम पर आ जाते थे। शाम को आठ नौ बजे तक घर आते थे। बुजुर्ग मां ने कहा, दोनों भाई वहां पर काफी समय से दुकान चला रहे थे। उनकी किसी से कोई रंजिश भी नहीं थी। नाजमीन ने कहा कि उन बच्चों को लेकर मुझे बहुत दुख होता है।

हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी फिर क्यों किया ऐसा ?
जघन्य हत्याकाण्ड में मारे गये दोनों बच्चों की मां संगीता का रो रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार यही कह रही है कि हमारी तो उनसे कोई दुश्मनी नहीं थी फिर उसने ऐसा क्यों किया? जावेद को लेकर आओ वो बताएंगा क्यो मारा..? बच्चों की मां ने बताया कि उसने पांच हजार रुपये मांगे थे, मैंने वो पैसे भी दिए फिर भी उसने बच्चों को मार दिया। मां ने रोते हुए पूरी घटना के बारे में बताया कि हत्या का कोई कारण नहीं थी. वो दुकान पर आया था.. उसने कहा भाभी पांच हजार रुपये उधार दे दो.. कुछ मदद चाहिए…तो मैंने पांच हजार रुपये निकाले और उसे दे दिए.. इसके बाद वो वहां पर खड़ा हो गया और कहा कि, मेरी पत्नी की अस्पताल में भर्ती है उसकी डिलीवरी के लिए ग्यारह बजे का टाइम दिया है। मैंने इनके पापा से बात की, तो उन्होंने कहा कोई बात नहीं उसे पैसे दे दो, वो सुबह दे देगा..अच्छे हैं कोई दिक्कत नहीं है। मुझसे तो कोई दुश्मनी नहीं थी.. अब इनसे करवाया गया है.. या फिर क्या हुआ.. अब वही बता सकता है कि क्या हुआ..क्यों उसने ये किया? संगीता ने बताया कि जावेद बाहर खड़ा था, जब वो (साजिद) आया तो उसने चाकू छुपाया हुआ था। वो आया तो मैंने कहा कोई बात नहीं.. बैठो चाय पीकर जाना..फिर वो बच्चे को बहलाते हुए पार्लर में ले गया.. वहां से उसे ऊपर ले गया और फिर दरवाजा बंद कर लिया, पहले आयुष को मारा और फिर मेरे छोटे का मार दिया। संगीता ने कहा हम बस यही चाहते हैं कि उससे हमारे सामने पूछताछ की जाए कि उसने ऐसा क्यों किया? हमारी उससे कोई रंजिश नहीं थी, जावेद ही बताएगा कि उसने ये क्यों किया..किसी ने करवाया या उसने खुद किया है।

पीड़ित पिता ने कहा नहीं थी कोई रंजिश
दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या के मामले में मृतक बच्चों के पिता विनोद ने उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि साजिद और जावेद ऐसा कर सकते हैं। विनोद ने कहा, मैं तो यहां नहीं रहता हूं, बाहर काम करता हूं। उनके साथ हमारा थोड़ा बहुत आना- जाना और बाल कटवाना..बस यही व्यवहार था। उससे हमारी कभी कोई बात नहीं हुई। फिर पता नहीं कि क्या हुआ? या फिर किसी ने ये करवाया है..कि, यहां ऐसा काम करवाए..ये सब करें..।