लोकसभा चुनाव का शंखनाद! उत्तराखण्ड में 19 अप्रैल को पड़ेंगे वोट
नई दिल्ली। लोकतंत्र के सबसे बड़ा महापर्व का बिगुल बज चुका है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ विज्ञान भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तिथियों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव पूर्व की तरह सात चरणों में होगा।
पहला चरण 19 अप्रैल को होगा। दूसरा चरण 26 अप्रैल को तीसरा 7 मई, चौथा 13 मई पांचवा चरण 20 मई, छठा 25मई, ओर सातवां चरण 1 जून को होगा जबकि मतगणना 4 जून को होगी। उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश में चुनाव पहला चरण यानि 19 अप्रैल को होगा।
पहले चरण में यूपी उत्तराखण्ड सहित 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 89 सीटों पर मतदान होंगे। तीसरे चरण में 7 मई को 12 राज्यों की 94 सीटों पर वोट पड़ेंगे। चोथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों के 96 सीटों पर मतदान होगा। पांचवा चरण में 20 मई को 8 राज्यों की 49 सीटों पर मतदान होगा। छठे चरण में 25 मई को 7 राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को 8 राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे।
चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव के लिए हमारी टीम तैयार है। चुनाव में 97 करोड़ वोटर्स मतदान करेंगे। 10.5 लाख पोलिंग स्टेशन होंगे, जबकि 55 लाख ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हिमालय से समुद्र तक और रेगिस्तान से बारिश वाले पूर्वाेत्तर तक बूथों पर एक जैसी सुविधा होगी। 85 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वोटर या दिव्यांग वोटर के घर फॉर्म भिजवाएंगे, ताकि वो घर से वोट डाल सकें। बूथ पर वो आएंगे तो उनको आयोग वोलेंटियर सहयोग करेंगे। सीईसी ने कहा कि चुनाव के बाद मतदान केंद्र पर कचरा नहीं होगा। कार्बन फुट प्रिंट सबसे कम होगा। केवाईसी, वोटर हेल्प लाइन और सी विजिल एप सबवोटर कार्ड से बूथ, उम्मीदवारों की जानकारी मिलेगी। कॉन्ट्रेक्ट स्टाफ या वॉलंटियर चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाए जाएंगे।
प्रत्याशियों को बताना होगा क्रिमिनल रिकार्ड
सीईसी ने कहा कि चुनाव कराने को लेकर 4 चुनौतियां हैं। बाहुबल का इस्तेमाल, धनबल, झूठी खबर और एमसीसी का उल्लंघन। उन्होंने कहा कि हम हिंसा मुक्त चुनाव करवाना चाहते हैं, लिहाजा इलेक्शन के दौरान कोई भी खून-खराबा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को समाचार पत्रों और अन्य मीडिया आउटलेट्स में तीन बार जानकारी प्रकाशित करनी होगी। राजनीतिक दल को यह बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया।
आदर्श आचार संहिता लागू, नई होंगे ये काम
लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिसके चलते कुछ काम आज से नहीं होंगे। आचार संहिता के तहत पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए कुछ गाइडलाइंस होती हैं। इसके तहत कुछ नियम हैं जिनका राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को पालन करना होता है। अगर राजनीतिक दल एवं उम्मीदवार इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ एक्शन ले सकता है। लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू होती है। चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा। यदि किसी अधिकारी का स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है तो पहले आयोग की अनुमति ली जाएगी। मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही मिलेगा। इसमें शर्त है कि इस प्रकार के सफर को किसी चुनाव प्रचार कार्य या राजनीतिक गतिविधि से न जोड़ा जाए। जो योजनाएं और परियोजनाएं चल रहीं हैं उनका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाएगा। अधिकारियों और कर्मचारियों सहित सरकारी मशीनरी का उपयोग किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के फायदे के लिए नहीं होना चाहिए।