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17 दिन बाद मौत के मुंह से बाहर निकले श्रमिक

सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालकर भेजा गया अस्पताल

उत्तरकाशी। सिलक्यारा में सुरंग में फंसे श्रमिक आखिरकार 17 दिन बाद सुरंग से बाहर आ गये हैं। 17 दिनों तक चले चुनौती भरे अभियान के बबाद श्रमिकों के सकुशल सुरंग से बाहर लौटने से श्रमिकों और उनके परिजनों की खुशी से आंखें छलक आयी। श्रमिकों को निकालने का सिलसिला जारी है। एक एक करके अभी तक 15 श्रमिक बाहर निकाले जा चुके हैं अन्य को निकालने का काम जारी है। कुछ ही देर में सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा। टनल के बाहर पहले से तैनात एंबुलेंस के जरिए मजदूरों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। अस्पताल में हेल्थ चेक अप और आवश्यक इलाज के बाद मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा।

बता दें उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चारधाम सड़क परियोजना (ऑलवेदर रोड) के लिए निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवम्बर को यह हादसा हुआ था। यमुनोत्री हाईवे पर धरासू से बड़कोट कस्बे के बीच सिलक्यारा से पौल गांव तक 4.5 किलोमीटर टनल निर्माण चल रहा है। दिवाली के दिन तड़के चार बजे शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग के मुहाने से करीब 150 मीटर अंदर टनल का 60 मीटर हिस्सा टूट गया और सभी मजदूर अंदर फंस गए।

हादसे के वक्त टनल के मुहाने के पास मौजूद प्लंबर उपेंद्र के सामने यह हादसा हुआ था। काम के लिए अंदर जा रहे उपेंद्र ने जब मलबा गिरते हुए देखा तो बाहर भागकर उसने शोर मचाया। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। सुरंग से पानी निकासी के लिए लगाई गई एक पौने चार इंच की पाइप लाइन श्रमिकों के लिए लाईफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गए। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गईं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।

 

श्रमिकों को निकालने के लिए चल रहे अभियान कें कई बार चुनौतियां सामने आयी। देशी विदेशी मशीनें भी इस अभियान में जवाब दे गयी। जिसके चलते कई बार श्रमिकों के साथ साथ उनके परिजनों की भी हिम्मत टूटने लगी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार रेस्क्यू अभियान का अपडेट ले रहे थे। मुख्यमंत्री स्वयं लगातार यहां कैम्प कर रहे थे। केन्द्र और प्रदेश सरकार की कई एजेंसिया इस अभियान में लगी थी। सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए आखिरकार 17वें दिन बड़ी सफलता मिली है। आखिरकार टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने के लिए रैट माइनिंग का सहारा लेकर मैनुअल खुदाई की गयी थी। जो इस श्रमिकों के लिए वरदान साबित हुयी।

मंगलवार दोपहर तक मैनुअल खुदाई की टीम ने खुदाई का टारगेट पूरा कर लिया इसके बाद श्रमिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। मुख्य सुरंग के भीतर चिकित्सकों की टीम ने श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कियां और एक एक करके श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालकर एंबुलेंस के जरिये अस्पताल भेजा गया। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहर निकले श्रमिकों से बातचीत की। सुरंग से बाहर निकले श्रमिकों के चेहरों पर खुशी की झलक साफ नजर आ रही थी कई श्रमिकों और उनके परिजनों की आंखें भी छलक आई। श्रमिकों का फूल मालाओं से स्वागत भी किया गया। इस दौरान चारों और खुशी का माहौल बन गया।