उत्तराखंडऊधम सिंह नगरस्वास्थ्य

त्यौहारी सीजन में हाई कोलेस्ट्रॉल बन सकता है जानलेवा

‘साइलेंट किलर’ से बचने के लिए खान पान पर दें ध्यान

रूद्रपुर। त्यौहारों के सीजन में हाई कोलेक्ट्रॉल की समस्या हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। कुछ सावधानियों के जरिए हृदय रोग से बचाव किया जा सकता है।

दिल की सेहत को दुरुस्त रखने और उससे जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि कोलेस्ट्रॉल की वजह से खून को पूरे शरीर में ले जाने वाली नलियों में ब्लड फ्लो पर असर पड़ सकता है। नारायण अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंह के मुताबिक हाई कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। बीते कुछ वर्षों में लोगों में हार्ट अटैक आने के ज्यादातर मामलों के पीछे की बड़ी वजह इसे ही माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाने के मामलों में मरीज से शरीर में खून ले जाने वाली नलियों में वसा जमा हो सकता है। जैसे-जैसे ये जमाव बढ़ता है, धमनियों में खून के फ्लो पर असर पड़ने लगता है। अक्सर, वसा का ये जमाव अचानक टूटने से थक्का बन सकता है जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थितियों को जानलेवा माना जाता है। हृदय के दूसरे रोगों के विपरीत, कोलेस्ट्रॉल का कोई संकेत या लक्षण नहीं दिखाता है, इसलिए इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। त्योहारी सीजन में खाद्य-पदार्थों के प्रति सचेत रहना जरूरी है। त्यौहारों के सीजन में खाई जाने वाली कई चीजों में सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स की भारी मात्रा होती है, जिसे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ सकता है। डा. एसपी सिंह के मुताबिक कई मरीजों का, विशेषकर त्योहारी सीजन के दौरान या उसके बाद में कोलेस्ट्रॉल बढ़ते हुए देखा गया है। एलडीएल-सी कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से लोग प्रभावित होते हैं। त्योहारों में उसकी निगरानी में चूक हो जाना आम बात है। हालांकि यही समय होता है, जब आपको उस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिये। दिल की देखभाल करते हुए उसकी सेहत को बनाए रखने के मकसद से समय-समय पर जांच करानी चाहिये। छोटे अंतराल पर कार्डियोलॉजिस्ट के साथ नियमित रूप से चर्चा करनी चाहिये।

त्यौहारों के सीजन में कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह करना ज्यादा जरूरी हो जाता है। ताकि आप त्यौहारों के जश्न का पूरा मजा ले सकें। त्यौहारों के बीच अपने आहार पर नजर रखने और संतुलित भोजन लेने का अतिरिक्त महत्व होता है। गरिष्ठ भोजन से दिल पर बड़ा असर हो सकता है। इससे डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल जैसे रोग पैदा होने या बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिये, अपने खान-पान पर सचेत होकर ध्यान देने से आपको दिल के लिये सही विकल्प लेने की जानकारी मिलेगी। भाग-दौड़ के बीच अच्छी नींद भी महत्वपूर्ण है। तनाव बढ़ने से हृदय पर भारी दबाव पड़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।

एलडीएल का कितना लेवल खतरनाक
एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL से कम होना चाहिए। अगर ये इससे ज्यादा बढ़ता है, तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 130 mg/dL या इससे ज्यादा हो जाए, तो इसे बॉर्डर माना जाता है। 160 mg/dL या इससे ज्यादा होने पर ये खतरनाक हो जाता है और 190 mg/dL से ज्यादा हो जाए, तो इसे बेहद खतरनाक माना जाता है। ऐसी स्थिति में कोलेस्घ्ट्रॉल के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।

कितना होना चाहिए एचडीएल
एलडीएल का शरीर में ज्यादा होना खतरनाक है, वहीं एचडीएल का कम होना ठीक नहीं होता। शरीर में एचडीएल का लेवल 60 mg/dL या इससे ज्यादा होना चाहिए। 40 mg/dLतक या इससे कम होने पर इसे काफी कम माना जाता है। वहीं गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल को मिलाकर टोटल कोलेस्ट्रॉल की बात करें, तो ये 200 mg/dL या इससे कम होना चाहिए.

क्यों बढ़ जाता है बैड कोलेस्ट्रॉल
खराब कोलेस्ट्रॉल के तेजी से बढ़ने के दो कारण हैं। पहला गलत खानपान और दूसरा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना। हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे पचाना भी जरूरी होता है। लेकिन आज के समय में लोग बाहर का जंकफूड वगैरह तो जमकर खाते हैं, लेकिन न एक्सरसाइज करते हैं, न वॉक करते हैं और न ही कोई और ऐसा कोई काम करते हैं, जिससे खाने को पचाया जा सके।

हाई कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करने के लिए क्या करें

सबसे पहले हेल्दी फूड खाने की आदत डालें। बाहरी फूड से बचें।
तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से परहेच करे।
मांसाहार, शराब धूम्रपान से दूर रहें।
खाने में हरी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट्स, सलाद, छाछ आदि को शामिल करें।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। रात को देर से खाने की आदत बदलें और डिनर हल्का करें।
डिनर के आधे घंटे बाद कुछ देर जरूर टहलें।
अधिक चीनी और नमक खाने से बचें।